रूस-भारत के बीच बड़ी हथियार
डील, सेना को मिलेगी 6 लाख
AK-203 असॉल्ट राइफलें
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारतीय सैनिकों को नई राइफल्स की जरूरत है। इन जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत रूस से अत्याधुनिक एके-203 राइफल्स को लेकर बड़ा सौदा करने जा रहा है। द प्रिंट के मुताबिक, मेक इन इंडिया के तहत रूस के साथ लंबे समय से लंबित एके 203 राइफल का सौदा अंतिम रूप दे दिया गया है। समझौते पर हस्ताक्षर प्रक्रिया से पहले दोनों पक्ष उसका कानूनी पुनरीक्षण कर रहे हैं।
रूस ने तैयार कर डाली दूसरी कोरोना वैक्सीन, राष्ट्रपति पुतिन ने कहा- Great Drug
पहली खेम में मिलेंगी 20 हजार नई राइफल्स
द प्रिंट की खबर के मुताबिक, रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि इस साल के अंत तक 6 लाख से अधिक राइफलों का उत्पादन शुरू हो जाएगा और उनके पास निर्यात की भी क्षमता होगी।
समझौते के तहत, पहली 20,000 राइफलें, जो आने वाले सालों में सशस्त्र सेनाओं को दी जाएंगी, वे रूस से आयात की जाएंगी। जिनकी कीमत करीब 1,100 डॉलर (या 80,000 रुपए) प्रति राइफल होगी, जो परिवर्तन दर पर निर्भर होगी।
यह होगी नई गन की कीमत
बाकी बंदूकों का उत्पादन भारत में एक संयुक्त उद्यम- इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड(आईआरआरपीएल)- के तहत किया जाएगा। आईआरआरपीएल- भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी)और रूस की रोसोनबोरोन एक्सपोर्ट और क्लाशनिकोव कंपनी ने मिलकर एक साझा कंपनी बनाई है । जो इस राइफल्स का उत्पादन करेगी। इस साझा उद्यम में 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी ओएफबी की है, जबकि क्लाशनिकोव की 42 प्रतिशत और रोसोनबोरोन एक्सपोर्ट की 7.5 प्रतिशत है।
बाकी राइफल्स का इंडिया में होगा उत्पादन
सूत्रों ने कहा कि इन मेक इन इंडिया राइफलों की लागत, उन राइफलों से थोड़ी कम होगी जो रूस से आयातित की जाएंगी। इस सौदे का ऐलान पहली बार 2018 में, बहुत उत्साह के साथ किया गया था, लेकिन फिर कीमतों को लेकर यह सौदा टलता रहा। इस गतिरोध को दूर करने के लिए, रक्षा मंत्रालय ने एक कमेटी भी गठित की थी। पांच सदस्यीय लागत कमेटी ने यह सुझाव रखा है कि 7.62X39 एमएम कैलिबर की एके-203 के उचित दाम लिए जाएं।
सबसे आधुनिक असॉल्ट राइफलों में से एक है AK 203
इस देरी की वजह से सेना को मजबूरन, अपने फ्रंटलाइन सैनिकों को हथियार मुहैया कराने के लिए, फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया के तहत, अमेरिका से एसआईजी-716 राइफलें मंगानी पड़ीं थीं। 72,000 एसआईजी राइफलें पहले ही आ चुकी हैं, और सेना 72,000 अतिरिक्त राइफलों की आपात खरीद कर रही है। एक सूत्र ने कहा, एके 203 के समझौते का क़ानूनी पुनरीक्षण चल रहा है और इस पर जल्द ही दस्तखत हो जाएंगे। एके 203 क्लाशनिकोव कसर्न में बनने वाली,सबसे आधुनिक असॉल्ट राइफलों में से एक है। क्लाशनिकोव मशहूर एके-सीरीज की राइफलें बनाती है, जिनमें एके-47 भी शामिल हैं।
एक टिप्पणी भेजें