आतंकियों के गढ़ में घुसकर ताबड़तोड़ऑपरेशन चला रहे सुरक्षा बल, ग्राउंडनेटवर्क तोड़ने में काफी सफलता
आतंकियों का गढ़ खत्म करने में रात दिन मशक्कत कर रहे सुरक्षा बलों को ढाई से तीन फीसदी मामलो में सफलता मिलती हैं। कई बार ये प्रतिशत और भी कम होता है। सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीते वर्ष में तकरीबन 3600 कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन किए गए। इनमें से 93 सफल हुए। सुरक्षा बल के एक बड़े अधिकारी ने कहा हम सूचनाओं पर लगातार इलाके को घेरकर सघन जांच व कार्रवाई का अभियान चलाते हैं। कई बार आतंकी भागने में सफल होते हैं। सुरक्षा बल आतंकियों के गढ़ में घुसकर ताबड़तोड़ अभियान चला रहे हैं।
सघन आबादी में काफी दुरूह ऑपरेशन होता है क्योंकि आतंकी एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होते रहते हैं।
कड़ी मेहनत से तोड़ रहे नेटवर्क
अधिकारी ने कहा कि सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस कड़ी मेहनत करके आतंकियों के सफाए में जुटी हैं। उनका ग्राउंड नेटवर्क तोड़ने में भी सुरक्षा बलों को काफी सफलता मिल रही है।
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लगातार हो रही कार्रवाई
अधिकारियों के मुताबिक आतंकियों के सफाए के साथ उन्हें लॉजिस्टिक उपलब्ध कराने वाले और पनाह देने वालों पर सुरक्षा बलों ने लगातार कार्रवाई की है। जो भी लोग उनके संदेश वाहक का काम करते हैं। उन्हें शरण देते हैं और उनके लिए खुफिया जासूसी काम करते हैं उन सभी लोगों को पकड़कर चेताया गया और जरूरी होने पर सैकड़ों लोगों के खिलाफ पीएसए के तहत भी कार्रवाई की गईं।
हमले की कोशिश हो रही विफल
सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों ने कहा कि आतंकी गुट इस कोशिश में है कि कोई बड़ा हमला करके अपने काडर को उत्साहित करें, लेकिन उनकी योजना को विफल करने के लिए ताबड़तोड़ ऑपरेशन जारी हैं। इसकी वजह से मुठभेड़ में आतंकी मारे जा रहे हैं।
गढ़ छोड़कर भागने को मजबूर आतंकी
सूत्रों ने कहा इस समय दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बल उन इलाकों में भी घुसने का प्रयास कर रहे हैं जहां अमूमन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई काफी मुश्किल रही है। सुरक्षा बलों के बेहतर समन्वय के चलते आतंकी अपना गढ़ छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। एक आला अधिकारी ने कहा कि इस वक्त आतंकियों की संख्या को 200 के भीतर सीमित कर दिया गया है, जबकि पाकिस्तान 350-400 का एक क्रिटिकल नम्बर बनाने के लिए घुसपैठ की हर सम्भव कोशिश कर रहा है।
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