पिछले मैच की अपेक्षा मुंबई ने इस मैच में एक बदलाव किया और एडम मिल्ने को बाहर बैठा भारत के जयंत यादव को मौका दिया. मुंबई की टीम जब सामने आई तो उसमें तीन ही विदेशी खिलाड़ी थे. यह तीन विदेशी खिलाड़ी हैं पोलार्ड, क्विंटन डी कॉक और ट्रेंट बोल्ट हैं. आईपीएल में इतिहास में यह सिर्फ तीसरा मौका है जब मुंबई ने अपनी अंतिम-11 में सिर्फ तीन विदेशी खिलाड़ियों को ही चुना है. इससे पहले ऐसा सिर्फ दो बार हुआ है.
2010 में हुआ था पहली बार
मुंबई पहली बार चार से कम विदेशी खिलाड़ियों के साथ 2010 में उतरी थी. 13 मार्च 2010 को खेले गए मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मुंबई ने सिर्फ तीन विदेशी खिलाड़ियों की ही मौका दिया था. इस मैच में श्रीलंका के सनथ जयसूर्या, श्रीलंका के ही लसिथ मलिंगा और साउथ अफ्रीका के रयान मैक्लारेन मुंबई के लिए विदेशी खिलाड़ी के तौर पर खेले थे. इसके बाद 22 अप्रैल 2012 को वानखेड़े स्टेडियम में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मुंबई हरभजन सिंह की कप्तानी में सिर्फ तीन विदेशी खिलाड़ियों के साथ उतरी थी. यह तीन खिलाड़ी थे न्यूजीलैंड के जेम्स फ्रैंकलिन, वेस्टइंडीज के कायरन पोलार्ड और श्रीलंका थिसारा परेरा. राजस्थान के खिलाफ मुंबई को जीत मिली थी तो वहीं पंजाब के खिलाफ उसे हार मिली थी. दिल्ली कै खिलाफ यह तीसरा मौका है जब मुंबई सिर्फ तीन विदेशी खिलाड़ियों के साथ उतरी है.
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