Coronavirus Latest News:कोरोना संक्रमण को लेकर एक औरखुलासा, जिनको आंखों की बीमारीउनको कोरोना का ज्यादा खतरा

Coronavirus Latest News:
कोरोना संक्रमण को लेकर एक और
खुलासा, जिनको आंखों की बीमारी
उनको कोरोना का ज्यादा खतरा
दुनिया में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के बीच वैज्ञानिक इससे बचने के उपाय और दवाई ढूंढने में जुटे हुए हैं और लगातार रिसर्च कर रहे हैं। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि सामान्य व्यक्तियों की तुलना में पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना वायरस ज्यादा घातक साबित हो रहा है।

एक नए अध्ययन में पता चला है कि उम्र संबंधी आंख के विकार मैक्युलर डीजनरेशन पीड़ितों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा ज्यादा हो सकता है। अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने 11 हजार कोरोना रोगियों पर किए गए अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकला है। आंखों में मैक्युलर डीजनरेशन की समस्या इम्यून सिस्टम की अत्यधिक सक्रियता के चलते खड़ी होती है।

इसके चलते देखने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना के गंभीर होने में कॉम्प्लीमेंट इम्यून सिस्टम के अहम हिस्से की भूमिका हो सकती है। इसी कॉम्प्लीमेंट सिस्टम की अधिक सक्रियता और ब्लड क्लाटिंग ( रक्त का थक्का) जैसे विकारों के चलते मैक्युलर डीजनरेशन की समस्या होती है। नेचर मेडिसिन की पत्रिका में छपे अध्ययन में बताया गया है कि कॉम्प्लीमेंट सिस्टम पर अंकुश लगाने वाली मौजूदा दवाओं की मदद से गंभीर रूप से पीड़ित रोगियों का इलाज किया जा सकता है।

मैक्युलर डीजनरेशन से पीड़ित लोगों की हुई सबसे ज्यादा मौत
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सेगी शोपिरा ने बताया कि हमारे अध्ययन से कोरोना की गंभीरता में कॉम्प्लीमेंट के बारे में अहम जानकारी मुहैया होती है। शोधकर्ताओं ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी इवरिंग मेडिकल सेंटर में भर्ती किए गए करीब 11 हजार कोरोना रोगियों पर किए गए अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने पाया कि इन रोगियों में से मैक्युलर डीजनरेशन से पीड़ित करीब 25 फीसदी लोगों की मौत हो गई है। कोरोना से मरने वालों में मैमैक्युलर डीजनरेशन पीड़ितों की मौत की दर ज्यादा पाई गई है।

मैक्युलर डीजेनेरेशन (Macular Degeneration) क्या है?
मैक्युलर डीजेनेरेशन आंख की एक क्रॉनिक डिजीज है। रेटिना के बीच में मैक्युला स्थित होता है। मैक्युला आंख के पीछे की तरफ स्थित संवेदनशील ऊत्तक की एक पतली परत होता है। मैक्युला के चलते हमें आंखे से सीधे सामने दिखाई देता है। मैक्युलर डीजेनेरेशन को ऐज रिलेटेड मैक्युलर डीजेनेरेशन (एएमडी) के नाम से भी जाना जाता है। मैक्युला के ऊत्तक क्षतिग्रस्त हो जाने पर हमें मैक्युलर डीजेनेरेशन बीमारी हो जाती है। इससे हम आंखों के बीचों बीच की वस्तु स्पष्ट रूप से देख नहीं पाते हैं। भले ही आप किसी वस्तु को पास या दूर से देख रहे हों, इसके बावजूद वह चीज आपको स्पष्ट दिखाई नहीं देती है। हालांकि, आंखों के चारो तरफ या पेरिफेरल विजन एकदम सामान्य होता है। ज्यादातर बुजुर्गों में अंधापन मैक्युला के क्षतिग्रस्त होने पर आता है। हालांकि, शुरुआती चरण में इसकी पहचान करके सही उपचार से आंखों की रौशनी को सुरक्षित रखा जा सकता है।

Post a Comment

और नया पुराने

aramotic